- कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले किया था शराबबंदी का वादा, जशपुर के इस गांव के लोगों ने दिखाए जिम्मेदारी और जागरुकता
- ग्रामीणों ने आपस में बैठक कर तय किया कि अब कोई न तो बेचेगा न पीएगा शराब, हर रोज हो रही मुनादी
जिले के गांव सुखरापारा में शराबबंदी लागू हो गई है। यह सरकार की तरफ से नहीं बल्कि गांव की लोगों की तरफ से की गई शराबबंदी है। प्रदेश के बड़े सियासी दल आपसी खींच-तान में इसे बहस का मुद्दा बनाए हुए हैं। मगर इस गांव के लोगों ने तय किया है न तो शराब पीने देंगे, ना बेचेंगे। यह भी तय किया गया है कि यदि कोई ग्रामीण शराब का सेवन करेगा या शराब बेचते हुए पकड़ा गया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। शराब बेचने वालों की सूचना देने वाले के लिए ईनाम भी रखा गया है। रविवार को इस मुद्दे पर ग्रामीणों ने एक बैठक रखी थी। इसके बाद इस फैसले की घोषणा पूरे गांव में कर दी गई।
यह है यहां का नियम
ग्रामीणों के द्वारा लिए गए शराबबंदी के निर्णय के अनुसार शराब पीना पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। प्रतिबंध के बावजूद यदि कोई शराब पीते पाया जाता है तो उस व्यक्ति को 1 हजार रुपए, शराब बेचते हुए पाए जाने पर 3 से 5 हजार रुपए, का जुर्माना लगेगा। शराब के संबंध में सूचना देने वाले को 1 हजार रुपए से पुरस्कृत किया जाएगा। ग्राम पंचायत सुखरापारा के सरपंच कमल राम ने बताया कि कई लोग जमा होकर शराब पीते हैं, गांव में बाहर से भी लोग आते हैं। कोरोना संक्रमण भी फैला है, इस लिए हमने गांव में पूर्णरुप से शराबबंदी करने का फैसला लिया है।
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