- प्रशासन ने किया क्षति का आंकलन, दो दिन की बारिश से बीजापुर जिले में आई बाढ़, कोंटा में शबरी नदी का उतर रहा जलस्तर
बीजापुर जिले में दो दिन पहले हुई अतिभारी बारिश के बाद अब बाढ़ का पानी उतरने लगा है। वहीं अब तक जिले में करीब 2 करोड़ 15 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का आकलन प्रशासन ने किया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करने रायपुर से निकले मंत्री कवासी लखमा और जयसिंह अग्रवाल का हेलीकॉप्टर को केशकाल से ही वापस भेज दिया गया, क्योंकि अचानक बिगड़े मौसम के कारण पायलट ने आगे जाने से मना कर दिया। मिरतुर में एक व्यक्ति के बह जाने से मौत हो गई। 237 मवेशियों और जानवर भी बाढ़ में बह गए हैं। इधर 135 मकान ढह गए और 198 मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। 1894 हेक्टेयर में लगी फसल भी पूरी तरह से खराब हो गई है। बाढ़ में फंसे 1014 ग्रामीणों को रेस्क्यू कर लिया गया है। इधर कोंटा इलाके में भी शबरी नदी का जलस्तर अब घटते क्रम पर है। मंगलवार की शाम 5 बजे शबरी नदी का जलस्तर 6.08 मीटर दर्ज किया गया, वहीं गोदावरी नदी का जलस्तर भी शाम 5 बजे 52.3 फीट तक पहुंच गया। हालांकि जलस्तर कम होता चला जा रहा है, बावजूद कोंटा इलाके में सड़कों पर आवाजाही अब भी बंद है।
शबरी नदी का घट रहा जलस्तर, अब टला खतरा
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गोदावरी से शबरी नदी में बैकवाटर का खतरा टल गया है। नदी का जलस्तर तीसरे वार्निंग लेवल को पार कर 61.6 फीट पर पहुंचा था। कोंटा में शबरी नदी का जलस्तर मंगलवार सुबह 5 बजे 16 मीटर से ऊपर पहुंचने के बाद अब कम हो रहा है। सुकमा-कोंटा एनएच 30 पर दूसरे दिन भी आवाजाही बंद रही। इंजरम, चिखलगुड़ा और फंदीगुड़ा, वीरापुरम में बीते 36 घंटों से आवागमन ठप है।
मलगेर नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त, सरिए दिख रहे
गादीरास में बीते 10 दिन से हो रही बारिश के कारण दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर मलगेर नदी पर बना पुल अब आने-जाने के लिए खतरनाक हो गया है। पानी कम होने के बाद पुल की हालत बेहद खराब हो गई है और यहां लोहे के सरिए बाहर निकल आए हैं। किसान लछीराम नायक ने बताया वह नदी पार खेत की रखवाली करने जाता है, लेकिन अब नहीं जा पा रहा।
पूर्व मंत्री ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
रविवार को बीजापुर में हुई अतिभारी बारिश के बाद जहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया था, वहीं मंगलवार को यहां बारिश काफी कम होने से राहत मिली, वहीं बाढ़ का पानी भी उतरता चला गया। बावजूद कई जगहों पर पानी भरा रहा। इस बीच पूर्व मंत्री महेश गागड़ा बाढ़ प्रभावित गांव मिंगाचल, कोमला, तुमला, झाड़ीगुट्टा पहुंचे और लोगों को राहत सामग्री बांटी।
वार्ड 15 के लोगों ने मीडियाकर्मियों से किया दुर्व्यवहार
कोंटा नगर पंचायत के शबरी नदी के तट पर बसे वार्ड क्रमांक 15 में बाढ़ आने के कारण अफसरों ने पुरानी बस्ती खाली करवाने की कोशिश की। यहां वार्ड के लोगों ने मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया। इसके साथ ही प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ भी नारेबाजी की। कोंटा पत्रकार संघ ने इसके विरोध में एसडीओपी कृष्णा पटेल और टीआई शिवानंद से मिलकर शिकायत दर्ज करवाई।
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