सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि आने वाले दिनों में कीमतों में और अधिक उछाल आएगा। अभी कुछ सब्जियों की कीमतें जहां पांच से दस रुपए अधिक हुई हैं तो कुछ सब्जियां दोगुनी कीमत पर बिक रही हैं। मालूम हो कि लगातार डीजल की कीमतें बढ़ने से ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ा है।
जानकारी के अनुसार प्रति दो सौ किलोमीटर पर प्रतिकिलो सब्जी का भाड़ा एक रुपए बढ़ाया गया है। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान सब्जियों की खपत कम होने के कारण किसानों को कम कीमतों पर सब्जियों को बेचना पड़ा था। इस कारण किसानों ने खेती कम कर दी। स्थानीय किसानों के पास कम सब्जियां होने के कारण मांग के हिसाब से आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
यही कारण है कि बाहर से सब्जियों को मंगाया जाने लगा। इस कारण ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ने और बारिश के मौसम में सब्जियों की पैदावार कम होने के कारण पिछले 10 दिनों से स्थानीय फुटकर बाजार में सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
जानिए 10 दिन में कहां से कहां पहुंचे सब्जी के दाम
सब्जी पहले अब
टमाटर 25,50 से 55
धनिया 80,180 से 200
शिमला मिर्च 80,90 से 100
आलू 25,30 से 32
प्याज 15,20 रूपये
लौकी 15,30 रूपये
बरबट्टी 20,40 से 50
बैगन 25,30 रूपये
भिंडी 20, 25 से 30
फूल गोभी 30,50 रूपये
पत्ता गोभी 10,20 से 25
बारिश भी बनी वजह
- जिले में जून के दूसरे हफ्ते में लगातार 10 दिनों तक बरसात हुई थी। मानसून की एंट्री में ही धुआंधार बारिश के कारण सभी तहसीलों में सब्जियों के खेतों में किसानों को नुकसान हुआ। पड़ोसी जिलों में भी यही हाल रहा। बारिश में टमाटर,धनिया पत्ती व शिमला मिर्च को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। इस वजह से भी सब्जियों के दाम बढ़े हैं।
लॉकडाउन का है असर
थोक व्यापारी सचिन अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय किसानों ने लॉकडाउन में सब्जियां बर्बाद होने के कारण खेती कम की। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि 10 दिन पहले तक जिले का टमाटर ही बिक रहा था, इसलिए सस्ता था। अब छग के बाहर से मंगाया जा रहा है। इस कारण टमाटर यहां पर पहले के मुकाबले दोगुने दाम में बिक रहा है।
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