रायपुर. राजधानी में गैंगबाजी करने वाले हिस्ट्रीशीटरों पर पुलिस नकेल कसने जा रही है। इसके लिए पुलिस संगठित गिरोह चलाने वाले हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली नए सिरे से तैयार कर रही है।
इस बार हिस्ट्रीशीटरों के कमाई के जरिया से लेकर उनके पैन कार्ड नंबर, उनके कार्यस्थल, आय का जरिया, तीन माह में कहां-कहां गए? कौन-कौन दोस्त हैं? आदि की जानकारी ली जा रही है। इससे किसी अपराध में उनकी संलिप्तता की जांच में आसानी से हो सकेगी और पुलिस उनकी अवैध गतिविधियों पर अकुंश लगा सकेगी। उल्लेखनीय है कि शहर में 200 से अधिक हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें कई लोग संगठित गिरोह भी चला रहे हैं। गिरोह की मदद से जुआ-सट्टा, वसूली, मादक पदार्थों की तस्करी, विवादित जमीन का धंधा जैसे काम कर रहे हैं। इनके चलते शहर में चाकूबाजी, गुंडागर्दी, गैंगवार जैसी स्थिति बनी रहती है। रायपुर पुलिस नए सिरे से इनकी जानकारी खंगाल रही है।
थानों में इन बिंदुओं पर बनेंगे रेकॉर्ड
- फिंगर प्रिंट, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और पैनकार्ड नंबर, परिवार के सदस्यों के नाम
- पारिवारिक सदस्यों के अलावा परिवार पिछले एक माह में परिवार कौन-कौन आकर ठहरा
- कमाई का स्त्रोत-स्वयं का, परिवार का और कार्यस्थल का पता
- पिछले तीन माह में कहां-कहां गए थे? कितने दिन रूके?
- वर्तमान में साथी दारान की जानकारी-कौन-कौन साथी है? उनका मोबाइल नंबर?
गुंडे-बदमाशों की लगेगी हाजिरी
एसएसपी अजय यादव ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि रविवार को सभी थानों में उस इलाके के हिस्ट्रीशीटर, गुंडे-बदमाशों को उपस्थित किया जाए और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्हें अलग-अलग बैठाएं। इसके बाद उनकी हिस्ट्रीशीट भरी जाए। इसमें उनके वर्तमान कामकाज, आय का जरिया और उनकी गतिविधियों की जानकारी भरा जाए। हिस्ट्रीशीटरों, गुंडे-बदमाशों के अलावा चाकूबाजी करने वालों के लिए भी यह प्रक्रिया की जाएगी।
पहली बार खास जानकारी लेंगे
आमतौर पर थानों में हाजिरी के दौरान हिस्ट्रीशीटर, गुंडा-बदमाश और चाकूबाजों के नाम, पते, फिंगर प्रिंट, वर्तमान कामकाज की जानकारी लेकर छोड़ दिया जाता था। अब इसमें पुलिस कुछ खास जानकारियां भी ले रही है। जैसे परिवार में कौन-कौन आकर रूका, कमाई का स्त्रोत क्या-क्या है? पिछले एक माह में उनके परिवार में कौन-कौन रूका? इसकी जानकारी ली जा रही है।
अपराध पर अंकुश लगाने पुलिस करेगी मदद
रायपुर एसएसपी अजय यादव ने बताया कि शहर में संगठित अपराध को खत्म करने, हिस्ट्रीशीटरों की अपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए नए सिरे से जानकारी जुटाई जा रही है। सारी जानकारी थाना स्तर पर अपडेट होगी। इससे अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस को मदद मिलेगी।
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