एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि पुलिस और आइटीबीपी की संयुक्त टीम मंगलवार की रात जोब चौकी और बागनदी व बोरतलाव पुलिस बल के साथ आइटीबीपी की संयुक्त टीम नक्सलियों के क्रॉसिंग पाइंट पर सर्चिंग में निकली थी। रात करीब 11 बजे कटेंगा-पेंड्रीडीह के जंगल रास्ते में छिपे 10 से 12 नक्सलियों ने सर्चिंग पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी।
जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की। लगभग 15 से 20 मिनट मुठभेड़ चली, जिसके बाद नक्सली खुद को कमजोर पड़ता देख अंधेरे का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए। जंगल में घोर अंधेरा होने के कारण सर्चिंग पार्टी सुबह तक घटनास्थल की घेराबंदी कर बैठी रही। एएसपी गोरखनाथ बघेल व डीआरजी की टीम बुधवार सुबह साढ़े सात-आठ बजे घटनास्थल पहुंची।
यहां खून के निशान को फालो करते पुलिस की टीम ग्राम खोभा पहुंची। वहीं एक नक्सली वर्दी में घायल पुलिस को देखकर भागने लगा, जिसे आरक्षक उमाशंकर लहुरिया व जितेंद्र कुमार ने दौड़ाकर पकड़ा। उसके पास से एके 47, तीन मैग्जिन, 54 कारतूस व एक पिस्टल के साथ 13 कारतूस सहित एक वाकीटाकी, मेडिकल सामान व 772 रुपये नगद बरामद किए हैं।
नरबोदा की हत्या में था शामिल
गिरफ्तार नक्सली डेविड उर्फ उमेश के खिलाफ राजनांदगांव के साथ गढ़चिरौली, गोंदिया व बालाघाट जिले में हत्या सहित पुलिस पार्टी पर हमला करने जैसे दर्जनों मामले दर्ज हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि डीवीसी मेंबर डेविड बागनदी थाना में पदस्थ एएसआइ नरबद बोगा की हत्या में भी शामिल था।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार नक्सली ने ही एएसआइ को चिरचारी-घोरतलाव के बीच हाइवे पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना बीते नवंबर 2016 की है। इसके अलावा सड़क बंजारी में भी नक्सली कमांडर डेविड ने पुलिस आरक्षक बने सरेंडर नक्सली की हत्या की थी।
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