- वन विभाग भी रहा इस वारदात से बेखबर, करंट लगाकर मारा गया था हाथी को
- दो टुकड़ों में काटकर हाथी को दफनाया था,दोबारा खुदाई में मिले अवशेष
जिले के सिरकट्टा गांव में एक हाथी की हत्या का खुलासा 5 साल बाद हुआ। वन्य प्राणियों के संरक्षण का जिम्मा संभालने वाले वन विभाग को भी इस घटना के बाद कुछ पता नहीं चला। अब जब खुलासा हुआ, तब आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। साल 2015 में चैन सिंह मरकाम ने अपने खेत के चारों ओर बिजली के तार का घेरा लगाकर उसे करंट से जोड़ दिया था, तब एक छोटा हाथी इस करंट की चपेट में आ गया। चैन सिंह मरकाम ने अपने बेटों रंजीत और संजीत के साथ मिलकर हाथी को कुल्हाड़ी से दो टुकड़ों में काटा और दफना दिया।
कुछ दिन बाद रंजीत ने कब्र खोदकर हाथी के दांत निकालकर अपने पास रख लिए। इन्हें वो बेचना चाहता था । इस वजह से ग्राहक की तलाश कर रहा था। यह जानकारी पुलिस तक पहुंची। टीम ने रंजीत से पूछताछ की तब 5 साल पुरानी यह वारदात उजागर हुई। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग को इसकी जानकारी दी गई। खेत में खुदाई कर हाथी के अवशेष बरामद किए गए। चैन ने बताया कि हाथी को मारने के लिए ही बिजली के तार लगाए थे। आरोपियों के कब्जे से 2 हाथी दांत और कुल्हाड़ी को बरामद कर लिया गया है।
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