रायपुर. कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से बचाव के मामले में जिले की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती चली जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है हम और आप। शहर के बीचों-बीच विवेकानंद आश्रम के पीछे शताक्षी मंदिर के पास आमापारा मंगल बाजार में बीते 4 दिनों में 27 लोग संक्रमित मिल चुके हैं।
इन सबसे संक्रमित होने का कारण है एक कपड़ा कारोबारी, जो सैंपल देने के बाद भी घूमता रहा। लोगों से मिलता जुलता रहा। अपने परिवार के साथ-साथ अन्य लोगों को संक्रमित किया। इसे सुपर स्प्रेडर मान लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग अब इसके प्राइमरी के बाद सेकेंडरी कांटेक्ट वालों की भी ट्रेसिंग कर रही है।
जिले में रोजाना कोरोना (Raipur Coronavirus Update) संक्रमितों का ग्राफ बढ़ते हुए 1000 पहुंचने जा रहा है। गुरुवार को 55 मरीज मिले। इन आंकड़ों के साथ रायपुर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में नंबर 1 बना हुआ है, जो शासन-प्रशासन की चिंता बढ़ा रहा है। अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमला अपने स्तर पर प्रयास जरूर कर रहा है, लेकिन हालात उम्मीद के मुताबिक सुधर नहीं रहे।
मरीज के प्राइमरी कांटेक्ट में आने वाले हाई रिस्क के साथ-साथ अब लो रिस्क वाले भी संक्रमित होने लगे हैं। पत्रिका से बातचीत में आमापारा के कुछ लोगों का कहना था कि अब यहां पर कंटेनमेंट जोन से काम नहीं चलेगा, लॉकडाउन लगा देना चाहिए।
रायपुर में 5 दिन में मिले 284 मरीजों में 150 प्राइमरी कांटेक्ट वाले संक्रमित मिले हैं। 11 जुलाई को 17, 12 जुलाई को 40, 13 जुलाई को 49, 14 जुलाई को 5, 15 जुलाई को 36 प्राइमरी कांटेक्ट के मिले हैं। प्राइमरी कांटेक्ट दो तरह के होते हैं पहला हाई रिस्क तथा दूसरा लो रिस्क। हाई रिस्क में संक्रमित व्यक्ति के माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी और घर में रहने वाले अन्य परिजन आते हैं।
वहीं लो रिस्क में उसके पड़ोसी तथा बाहर वह किन-किन से मिला है वह लोग आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हाई रिस्क वाले की इम्युनिटी पॉवर अच्छी है तो वह मरीज के संपर्क में आकर भी संक्रमित नहीं होता है। यदि पड़ोसी या बाहर के किसी व्यक्ति का इम्युनिटी पावर कमजोर है तो वह एक-दो बार भी कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया है तो वह संक्रमित हो सकता है।
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