यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन की सुराजी योजना के प्रमुख घटक गरूवा के अंतर्गत राज्य के लगभग 5400 ग्राम पंचायतों में गौठान निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से लगभग 2 हजार गौठान पूर्ण रूप से संचालित होने लगे हैं। संचालित गौठानों में आने वाले पशुओं के चारे-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। गौठानों से ग्रामीणों का जुड़ाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे भी ग्रामीणों एवं किसानों से भेंट-मुलाकात के दौरान उन्हें गौठानों की प्रत्येक गतिविधि में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रेरित करते हैं। कृषि मंत्री का कहना है कि गौठान के मालिक गांव के ग्रामीण और किसान हैं। इसका संचालन ग्रामीणों की ही जिम्मेदारी है। गौठान में आने वाले पशुओं के लिए चारे-पानी का इंतजाम गौठान प्रबंधन समिति और गांव के लोगों की संयुक्त जिम्मेदारी है। गांव में गौठानों के बनने के बाद से यहां आने वाले पशुओं के लिए पैरा दान की एक अच्छी परम्परा शुरू हुई है। ग्रामीण स्व-स्फूर्त रूप से गौठानों के लिए पैरा दान करने के साथ-साथ गौठान को आजीविका का केन्द्र बनाने में जुटे हैं।
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